Dhanteras Pooja 2024: धनतेरस पर करें पूजन और पाएं धन लक्ष्मी का आशीर्वाद !

धनतेरस, जो दीवाली महोत्सव का पहला दिन होता है, भारत में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है, और इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि Dhanteras Pooja 2024 में किस प्रकार करना चाहिए और इससे जुड़े हर महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान देंगे ताकि आप लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

Table of Contents

धनतेरस का महत्व (Importance of Dhanteras)

धनतेरस का नाम संस्कृत के दो शब्दों “धन” (धन-संपत्ति) और “तेरस” (तेरहवां दिन) से मिलकर बना है। इस दिन को धन और समृद्धि का पर्व कहा जाता है और इस दिन खरीदे गए नए सामान को शुभ मानते हैं।Dhanteras Pooja 2024 में, इस पर्व के महत्व को समझना जरूरी है ताकि आप सही तरीके से पूजन कर सकें।

धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त (Auspicious Timing for Dhanteras Pooja 2024)

धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय होता है। यह शुभ समय लक्ष्मी माँ का स्वागत करने के लिए उत्तम होता है। इस वर्ष, Dhanteras Pooja 2024 के शुभ मुहूर्त की जानकारी लेना आवश्यक है ताकि आप सही समय पर पूजा करके अधिकतम लाभ पा सकें।

धनतेरस पूजन की तैयारी (Preparation for Dhanteras Pooja)

पूजन की शुरुआत से पहले घर को साफ और व्यवस्थित करना अत्यंत आवश्यक है। देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का स्वागत साफ-सुथरे और शुभ वातावरण में ही किया जाना चाहिए।

  • सबसे पहले, घर के दरवाजे के पास रंगोली बनाएं और दीप जलाएं।
  • देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की मूर्तियाँ रखें।
  • पूजा के लिए चांदी के बर्तन, नए कपड़े और फूल आदि रखें।

धनतेरस पर क्या खरीदें? (What to Buy on Dhanteras)

धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन, और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदना शुभ माना जाता है। इन वस्तुओं को संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें घर में सुख-समृद्धि लाती हैं। Dhanteras Pooja 2024 पर आप सोने या चांदी के सिक्के भी खरीद सकते हैं, जिन पर लक्ष्मी जी की छवि होती है।

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धनतेरस पूजन विधि (Method of Dhanteras Pooja)

धनतेरस पूजन के लिए सबसे पहले गणेश और लक्ष्मी माता की स्थापना करें। उसके बाद दीप जलाकर पूजन सामग्री जैसे फूल, मिठाई, रोली, और चावल रखें। फिर निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • गणेश जी का पूजन करें: सबसे पहले भगवान गणेश का स्मरण कर उनसे विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करें।
  • लक्ष्मी माता का पूजन: लक्ष्मी माता को पुष्प अर्पित करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।
  • धन्वंतरि भगवान का पूजन: भगवान धन्वंतरि को औषधि के देवता माना जाता है, उनकी पूजा स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए की जाती है।

धनतेरस मंत्र (Dhanteras Mantras)

धनतेरस के पूजन में मंत्रों का उच्चारण अत्यधिक लाभकारी होता है। लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।”

इस मंत्र का जाप करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

धनतेरस पर दीप जलाने का महत्व (Significance of Lighting Lamps on Dhanteras)

धनतेरस पर दीप जलाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन यमराज के नाम से भी दीप जलाया जाता है ताकि घर में किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो।

धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन के फायदे (Benefits of Performing Dhanteras Pooja)

धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। यह पूजन न केवल घर की समृद्धि में सहायक होता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। Dhanteras Pooja 2024 में लक्ष्मी माता का पूजन आपको एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देगा।

धनतेरस पर क्या न करें? (What Not to Do on Dhanteras)

  • इस दिन उधारी न करें और घर में विवादों से बचें।
  • किसी भी प्रकार के मांसाहार और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
  • इस दिन टूटे-फूटे बर्तन का उपयोग न करें, इससे धन का ह्रास होता है।

धनतेरस 2024 के लिए विशेष उपाय (Special Tips for Dhanteras 2024)

धनतेरस के दिन कुछ विशेष उपाय करने से लक्ष्मी जी का विशेष आशीर्वाद मिलता है, जैसे कि:

  • घर के मुख्य द्वार पर हल्दी या केसर का तिलक लगाएं।
  • शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीप जलाएं।
  • गरीबों को अन्न, वस्त्र, या पैसे का दान करें।

धनतेरस का पर्व एक महत्वपूर्ण समय है जब हम अपने जीवन में धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का पूजन करते हैं। इस वर्ष Dhanteras Pooja 2024 के शुभ मुहूर्त और विधि का पालन कर, आप लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने घर में सुख-शांति ला सकते हैं।

Frequently Asked Questions!

धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है और यह त्योहारों की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य धन, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति है। लोग माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं, जो धन और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं, ताकि जीवन में खुशहाली बनी रहे।

धनतेरस पर सोना, चांदी, या नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएँ समृद्धि और सुख-शांति लाती हैं। कई लोग माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की छवि वाले सोने या चांदी के सिक्के खरीदते हैं, जिन्हें पूजन में शामिल किया जाता है।

2024 में धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद शाम के समय रहेगा। यह समय हर वर्ष बदलता है, इसलिए सटीक मुहूर्त की जानकारी के लिए त्योहार के करीब पंचांग अवश्य देखना चाहिए।

धनतेरस पर मुख्य रूप से माँ लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, भगवान धन्वंतरि, जो स्वास्थ्य के देवता हैं, और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। इनकी पूजा से घर में आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समृद्धि बनी रहती है।

धनतेरस की शाम को यमराज के नाम का दीप जलाया जाता है, जिसे यमदीप कहते हैं। यह दीपक घर के बाहर रखा जाता है ताकि परिवार के सदस्यों की सुरक्षा बनी रहे और घर में किसी प्रकार की अनहोनी न हो।

हालांकि धनतेरस के मुख्य रीति-रिवाज जैसे देवी लक्ष्मी की पूजा और कीमती वस्तुएँ खरीदना सभी जगह एक जैसा होता है, लेकिन भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में इसके कुछ अलग रूप देखने को मिलते हैं। कहीं स्वास्थ्य से संबंधित पूजा होती है तो कहीं समृद्धि से जुड़ी पूजा पर अधिक जोर दिया जाता है।

धनतेरस पर नई वस्तुएँ खरीदना इसलिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। पुराने समय से इस दिन कुछ नया खरीदने को परिवार के सुख-समृद्धि में वृद्धि का संकेत माना जाता है, चाहे वह बर्तन हो, आभूषण या कोई अन्य वस्तु।

धनतेरस पर घर की सफाई, रंगोली बनाना, दीयों का प्रज्वलन और देवी लक्ष्मी का स्वागत करने जैसी परंपराएँ होती हैं। इसके साथ ही, कई परिवार मिठाई बनाकर दीवाली के लिए तैयारियाँ शुरू करते हैं।

हाँ, धनतेरस की पूजा घर पर की जा सकती है। लोग घर पर माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की मूर्तियाँ स्थापित कर दीप, फूल और अन्य पूजा सामग्री के साथ पूजा करते हैं और समृद्धि की कामना करते हैं।

 

धनतेरस की कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। यह दिन स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इसीलिए धनतेरस पर स्वास्थ्य एवं धन से संबंधित पूजा का आयोजन होता है।

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